श्री मत्यगजेन्द्र नाथ जी ( शिव मंदिर रामघाट )

श्री महराजाधिराज मत्यगजेन्द्र नाथ शिव मंदिर रामघाट 



यह मन्दिर रामघाट  पर बना हुआ है । जब श्रीराम वन गमन के समय यहाँ आये उस समय इनकी पूजा की और निवास करने की अनुमति लिया था, तब पर्णकुटी बनायी , शिव जी की स्थापना ब्रह्मा जी ने क्षेत्रपाल के रूप में की था गोस्वामी जी ने मानस में लिखा है कि भरत जी सेना के सहित चित्रकूट आ रहे है , ऐसा स्वप्न जानकी जी को जब हुआ तथा तब उस स्वप्न की शान्ति हेत शिव जी का जानकी जी ने पूजन किया था । 


ततः स्वयं भुवो देवः सर्वलोक नमस्कृत ।

 क्षेत्रपालं तत्क्षेत्रे कर्तु चैव मनोदधो ॥

 महालिडगं प्रतिष्ठाप्य शाम्भवं भूरि भावनः । मत्गयेन्द्रेति नामेदंक्षेत्रपालं सभादधे ।। 

ये नरा : प्रातरूत्थायतीर्थ कैलास संज्ञक । स्नात्वालिडंगं समर्चक्ति मतगेन्द्रित नामकम् ।।

 पुत्रपौत्रादि सम्पत्ति मायुरारोग्यमेव च । 

एवमुक्तो विधातार स्थितं चक्रे महेश्वरः ॥






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