कोटितीर्थ चित्रकूट धाम
यह स्थान संकर्पण पर्वत पर देवागंना से उत्तर से 2 किमी दूरी पर स्थित है ।
इसी पर्वत पर कोटितीर्थ है । इसका प्राकृतिक दृश्य बहुत सुन्दर है ।
यहां एक झरना भी उपस्थित है, जिसका जल वहीं पर्वत में विलीन हो जाता है ।
कहा जाता है जब श्री राम चित्रकूट पधारे थे तब उनके दर्शन हेतु करोड़ो देवता, देवलोक से इसी स्थान पर रूके थे ।
कोटितीर्थ नरः स्नातवा गो सहस्त्रफलं लभेत ।
पुरायत्र द्विज श्रेष्ठ : कोटि संख्या मुनीश्वरा ॥
अर्थात कोटि तीर्थ में स्नान कर प्राणी सहस्त्र गोदान का फल प्राप्त करता है जहाँ एक करोड़ मुनीश्वर निवास करते थे ।
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